किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि मां बाप से और ज्यादा प्यार करो क्योंकि हम तो बड़े हो रहे हैं, लेकिन वो बूढ़े हो रहे हैं। एक महिला की कहानी सुनाता हूं। उसकी नई नई शादी हुई थी। अरेंज्ड मैरिज थी। अपने पति से ज्यादा मिली नहीं थी तो सुहागरात थी।
उस रात में पति उसके लिए बढ़िया भोजन बना कर के एक अच्छी थाली लेकर गुजरा करके आया। बैडरूम में और उस महिला ने कहा कि पहले मम्मीजी को साथ हुआ हो तो वजन करा दो तो शादी नया घर छोडो न तो मेरी मां से बेकार बोलिए छोडो तो तुम खाना कोतवाली ले लाया।
ऐसी फालतू की बातें अंग्रेजी बीमार रेती चौड़े दुम खाना था। महिला ने फिर कहा कि नहीं होगा। मां कोकिला भी देखा न मैं। हालांकि बाद में वह मुझे पड़िया नहीं दूंगा। महोदय जी महिला को बहुत बुरा लगा। अचानक से उसने अपना बैग उठाया और जल्दी होगी।
अपने और थोड़े दिनों में तलाक के पेपर भेज दी। तलाक के लिए साथ में। थोड़े दिनों बाद उस महिला ने दूसरी शादी कर ली। साथ में दूसरी शादी कर ली। दोनों की अपनी भूमिका भी बस की उम्र बीतती जारी थी, जो महिला तकरीबन 65 के आसपास हो गई।
उसके दो बच्चे दूसरे बच्चों लगा कि बच्चा तीर्थ यात्रा के लिए जाना चाहती हूं। आप मेरे लिए टिकट बुकिंग करवा लो तो बचने का माय सनी हां के साथ नहीं हामी हो गई तो बच्चे अपनी मां को लेकर गए।
पूरा परिवार जो था तीर्थ यात्रा पर निकल पड़ा तेजी के रुपए वो दिन में भोजन करने के लिए भोजन करने तैयार कर रहे थे, तभी उनकी नजर पड़ी एक फटेहाल कपड़े में आगे बढ़ाना था। अबला दिखा तब हाल उसके बेहाल थे।
चलेगा तो कहीं निर्जन है नहीं तो जो महिला थी उसने अपने बच्चों से कहा कि जो जा करके सुनहला दो और अच्छा भोजन करवा दो बहुत परेशान लग रहे। बच्चों लगा ठीक है। भला करके तैयार करके जब लाए उस व्यक्ति को वापस भोजन कराने के लिए तो महिला चौंक गई क्योंकि आदमी वही था जिसका पहला पति था जिसे पहली ही रात में उसी दिन छोड़कर गाली दी।
चलो मुझे रहने नहीं तो दौड़कर ही पहुंचे। उसने ही द्वारा हल कैसे हो गया। उस आदमी ने कहा कि मेरे बच्चों ने मेरा हाल कर दिया पर ₹1 नहीं दिया। मुझे घर से बाहर कर दिया। भगा दिया सड़क सड़क भटक रहा हूं।
मेरे पास कुछ नहीं कुछ मिलता तो खा ले तो बहुत बुरी हालत है। इस महिला ने बोला कि तुमने आज तक नहीं पूछा, लेकिन आज में बताती हूं। क्यों ने तलाक क्यों लिया था उसी रात मैं वापस क्यों आई थी कि गुजरात में तुम मुझे पहले भोजन कराना चाहते थे।
अपनी मां को जितने सालों से तुम्हारे साथ करिए उसको तुम इज्जत नहीं दे। रेत जब तुमने अपनी मां की जब देखी तुम्हारे बच्चे तुम्हारी के इज्जत करेंगे कि मेरे बच्चे मैंने उनसे कहा था कि मुझे तीर्थयात्रा बचाना के लिए जाने के लिए नहीं जिद कर लूंगी।
साथ चलेंगे आपको परेशानी नहीं आने देंगे जो अपने मां बाप की इज्जत करता है। बच्चे भी उसकी इज्जत करते हैं। दुनिया उसके जिद करती है कि दबदबा समझाना चाहते थे, लेकिन बहुत देर हो गई। छोटी सी कहानी सार वही रहा कि हम बड़े
हो रहे हैं, लेकिन हम ये भूल जाते हैं कि हमारे मां बाप बूढ़े हो रहे हैं। उनकी फिक्र कीजिए, उनकी कद्र कीजिए। उनका आशीर्वाद दुनिया में आपको बहुत ऊंचाई पर ले कर भी जाएगा।